लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर से संवेदनाएं तार-तार हो गई हैं, जहां स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही उज़ागर हुई है। दरअसल मौत के बाद एक मामूली कबाड़ी के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। ऐसे में थक-हारकर परिजन कबाड़ ढोने वाले ठेले पर लाद कर ही शव को घर ले गए।
दरअसल, ये पूरा मामला लखनऊ ज़िले के मोहनलालगंज सीएचसी का है, जहां चोट लगने के बाद चोटिल हुए एक युवक को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद परिजन मृतक के शव को कबाड़ ढोने वाले ठेले पर ही लाद कर सीएचसी से घर ले जाने पर मजबूर हो गए।
मृतक पिंटू की पत्नी अनीसा ने बताया कि पिंटू कबाड़ी थे। उन्हें कुछ दिनों पहले गांव के पास ही गिरने से चोट लग गई थी। आर्थिक तंगी के कारण पिंटू इलाज कराने नहीं गया। शनिवार को पिंटू की हालत बिगड़ने के बाद परिजनों ने एंबुलेंस के हेल्प लाइन नंबर पर कॉल किया, लेकिन वक़्त पर एंबुलेंस नहीं पहुंची।
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पिंटू की मौत के बाद पिंटू की पत्नी अनीसा ने शव को घर तक ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध कराए जाने की गुहार भी लगाई, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। नतीजतन मृतक की पत्नी अनीता आपने पति के शव को ठेले पर ही लाद कर घर के लिए चली गई।
इस बाबत जब स्वास्थ्य विभाग से पूछा गया तो सीएमओ लखनऊ मनोज अग्रवाल ने बताया कि सीएचसी स्तर पर शव वाहन की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि तीमारदारों के शव वाहन मांगने पर बड़े अस्पतालों से मुहैया कराया जाता है। फिलहाल वायरल वीडियो के संज्ञान में आने के बाद सीएचसी अधीक्षक से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।