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क्या डिंपल यादव ने ख़त्म करवाई चाचा-भतीजे के बीच की रार?

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  December 09th 2022 01:16 PM  |  Updated: December 09th 2022 01:16 PM

क्या डिंपल यादव ने ख़त्म करवाई चाचा-भतीजे के बीच की रार?

लखनऊ/मैनपुरी: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के नतीजे मुख्य विपक्षी यानि दल समाजवादी पार्टी  के लिए ख़ासे उत्साहजनक रहे और कई मायनों में अहम रहे। गुरुवार सुबह मतगणना का पिटारा खुलने पर मैनपुरी में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव ने अपना दबदबा दिखाया और शाम होते-होते शानदार और ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली।

गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी और पार्टी मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने अपने नज़दीकी प्रतिद्वंदी भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को दो लाख 88 हज़ार 461 मतों से पराजित कर दिया। इस तरह मैनपुरी लोकसभा सीट पर वर्ष 1996 से चला आ रहा सपा का क़ब्जा बरक़रार रहा। दरअसल यह सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन की वजह से खाली हुई थी।

डिंपल को सबसे ज़्यादा एक लाख छह हज़ार 497 मतों की बढ़त सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जसवंत नगर से मिली। 

याद रहे कि शिवपाल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मन-मुटाव दूर करते हुए इस उपचुनाव में डिंपल के पक्ष में ज़ोर-शोर से प्रचार किया था और लंबे वक़्त के बाद पूरा यादव कुनबा एकजुट नज़र आया था।

क्या चाचा को मिलेगा कोई बड़ा तोहफा?

मैनपुरी उपचुनाव में बड़ी जीत के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी कहा कि 'चाचा शिवपाल को बड़ी ज़िम्मेदारी मिलना स्वाभाविक है, चाचा के आने से संगठन और पार्टी में लाभ पहुंचा है, आगे भी हम मिलकर काम करेंगे पार्टी को और लाभ मिलेगा।"

आपको बता दें कि मैनपुरी में जीत के बाद समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का विलय का फैसला हो चुका है, जिसकी औपचाारिक रूप से आधिकारिक घोषणा भी की जा चुकी है। ख़ुद अखिलेश यादव ने पार्टी का झंडा शिवपाल यादव को देते हुए विलय के फैसले पर मोहर लगा दी है।

शिवपाल बन सकते हैं नेता विपक्ष!

सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज़ है कि डिंपल यादव द्वारा मैनपुरी उपचुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव विधानसभा में शिवपाल यादव को नेता विपक्ष बना सकते हैं। शिवपाल को नेता विपक्ष बनाने की वजह यह बताई जा रही कि उन्होंने मैनपुरी उपचुनाव में जमकर मेहनत की है। हालांकि ये अभी बस क़यासबाजी है, इसकी कहीं से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यादव परिवार के क़रीबियों के मुताबिक़ डिंपल यादव ने चाचा-भतीजे के बीच रार को ख़त्म करवाने में बड़ी भूमिका निभाई है और डिंपल यादव भी यही चाहती हैं कि चाचा शिवपाल यादव को बड़ी ज़िम्मेदारी से नवाज़ा जाए, ताकि परिवार में किसी भी तरह की कोई भी ग़लतफहमी बाक़ी ना रहे।

-PTC NEWS

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