लखनऊ/कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में राज्य कर (जीएसटी) टीम ने इत्र कारोबारियों के यहां छापेमारी की है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है। इत्र नगरी में एक बार फिर से की जा रही छापेमारी के दौरान टीम ने कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ ज़ब्त करने का दावा किया है। टीम का कहना है कि जांच के दौरान इन दस्तावेज़ों की मदद से उनको आगे की जांच में मदद मिलेगी, जिसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।
जीएसटी टीम का दावा है कि कुछ लोग बिना रजिस्ट्रेशन के ही कारोबार कर रहे हैं और कुछ लोग अपना घोषित टर्नओवर कम दिखा रहे हैं, नतीजतन ऐसे लोगों के यहां छापेमारी की जा रही है, ताकि उनके ख़िलाफ़ ज़रूरी क़ानूनी कार्रवाई की जा सके।
गौरतलब है कि क़रीब एक साल पहले ही DGGI की टीम ने इत्र कारोबार से जुडे़ छिपट्टी मोहल्ला निवासी पीयूष जैन के यहां छापेमारी की थी, वहां 196 करोड़ की नकदी और 23 किलो सोने को क़ब्ज़े में लिया गया था। यही नहीं, पीयूष जैन के अलावा कुछ और कारोबारियों के ठिकानों पर भी टीम ने छापेमारी की थी। हालांकि बाद में यह छापेमारी बंद कर दी गई थी।
अब एक बार फिर से अचानक कई ज़िलों में जीएसटी की छापेमारी होने की ख़बरों से प्रदेश की सियासत में गर्माहट ज़रूर आ गई है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ इस दौरान राज्य कर टीम ने शहर के दो अहम ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें मोहल्ला शेख़ाना में इत्र कारोबारी शारिक़ सिद्दीक़ी और बिलाल सिद्दीक़ी की कोठी पर जीएसटी की टीम ने छापा मारकर छानबीन की। वहीं शहर के अहमदी टोला में मौजूद फुरकान सेठ के घर और उनके इत्र कारखाने में भी छापेमारी की गई। दोनों जगह से टीम ने पूछताछ करते हुए डॉक्यूमेंट्स की जांच की है। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को टीम अपने साथ भी लेकर गई।
इस मामले को लेकर राज्य कर (जीएसटी) कन्नौज के उपायुक्त राम नारायण ने बताया कि राज्य कर विभाग जीएसटी को एक सूची के ज़रिए सूचना मिली थी कि कुछ लोग अपंजीकृत तरीक़े से कारोबार कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग अपना घोषित टर्नओवर कम दिखा रहे हैं, लिहाज़ा इस पूरे मामले की जांच करने के निर्देश मिले थे, जिसके तहत छापामारी की गई है। उपायुक्त राम नारायण के बक़ौल फिलहाल अभी स्टॉक चेक किया गया है और आवश्यक काग़ज़ भी चेक किए गए हैं, इन दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी, जिसके बाद ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-PTC NEWS