Sat, Apr 20, 2024

खतौली की जीत पर जयंत चौधरी-चंद्रशेखर आज़ाद के बीच 'कलाकंद वाली मुबारकबाद'

By  Mohd. Zuber Khan -- December 9th 2022 12:50 PM -- Updated: December 9th 2022 03:21 PM
खतौली की जीत पर जयंत चौधरी-चंद्रशेखर आज़ाद के बीच 'कलाकंद वाली मुबारकबाद'

खतौली की जीत पर जयंत चौधरी-चंद्रशेखर आज़ाद के बीच 'कलाकंद वाली मुबारकबाद' (Photo Credit: File)

खतौली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश उपचुनाव में एक लंबी जद्दोजहद के बाद आख़िरकार समाजवादी पार्टी गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज कर ली है। मैनपुरी लोकसभा और खतौली विधानसभा सीट पर बीजेपी चारों खाने चित हो गई है। खतौली के जो नतीजे सामने आए हैं, उनके मुताबिक आरएलडी उम्मीदवार मदन भैया ने भाजपा की राजकुमारी सैनी को 22165 वोटों के बड़े अंतर से हराया है।

खतौली की इस जीत के बाद ख़ासतौर पर रालोद प्रमुख जयंत चौधरी गदगद हैं। उन्होंने ट्वीट कर आज़ाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर को भी इस बाबत बधाई दी। खतौली सीट पर मदन भैया की जीत के बाद जयंत सिंह चौधरी ने चंद्रशेखर को टैग करते हुए ट्वीट में लिखा कि चन्द्रशेखर को उत्तर प्रदेश में गठबंधन की जीत के लिए मेरे तरफ़ से कलाकंद बकाया है! वहीं इसके बाद चंद्रशेखर ने जवाब में लिखा कि बिल्कुल जयंत भाई, कलाकंद तो बक़ाया है, लेकिन अब साथ मिलकर ही खाएंगे।

वहीं एक अन्य ट्वीट में जयंत चौधरी ने कहा कि 'खतौली और मैनपुरी में जिस तरह सबका साथ मिला बहुत ख़ुशी हुई और ये सर्व समाज में समरसता के अच्छे संकेत हैं, रामपुर में लोकतांत्रिक मूल्यों का जिस तरह गला घोटा गया है, उससे आहत हूं, जीत का जश्न नहीं मनाऊँगा'।

वहीं अगर बात करें मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर, तो डिंपल यादव ने नेताजी मुलायम सिंह यादव की पुश्तैनी विरासत को बरक़रार रखते हुए बड़ी जीत हांसिल की है। डिंपल ने बीजेपी प्रत्याशी रघुराज शाक्य को लाखों वोटों के अंतर से पटखनी दे दी है।

कुल-मिलाकर उत्तर प्रदेश उपचुनाव नतीजों के मद्देनज़र जो सबसे महत्वपूर्ण निकलकर सामने आ रही है, वो यही है कि इस उपचुनाव से यादव परिवार की प्रतिष्ठा बच गई, शिवपाल सिंह यादव ने खुले तौर पर अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ जाने की घोषणा कर दी है। शिवपाल ने अपनी सियासी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का विलय समाजवादी पार्टी में कर दिया है। उधर राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी भी अपनी साख़ बचाने में कामयाब रहे। हां, मगर जहां तक आज़म ख़ान का सवाल है, तो उनके लिए ये उपचुनाव ख़ासा घाटे का सौदा रहा, जिसका ख़ामियाज़ा उन्हें आने वाले वक़्त में भुगतना पड़ सकता है।

-PTC NEWS

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