लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। आपको बता दें कि कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया है। यानि कोर्ट ने सरकार के द्वारा जारी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है। अब ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल मानी जाएंगी।
कुल-मिलाकर यूपी में नगर निकाय चुनाव अधिसूचना जारी होने का रास्ता साफ़ हो गया है। कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी को आरक्षण देने के लिए एक डेडिकेटेड कमीशन बनाया जाए, तभी ओबीसी आरक्षण के पेचीदा मसले पर बातचीत की जा सकती है। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि सरकार ट्रिपल टी फॉर्मूला अपनाए, इसमें समय लग सकता है। ऐसे में अगर सरकार और निर्वाचन आयोग चाहे तो बिना ओबीसी आरक्षण के ही तुरंत चुनाव करवाया जा सकता है।
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गौरतलब है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब प्रदेश में किसी भी तरह का ओबीसी आरक्षण नहीं रह गया है। मतलब सरकार द्वारा जारी किया गया ओबीसी आरक्षण नोटिफिकेशन रद्द हो गया है। अगर सरकार या निर्वाचन आयोग अभी चुनाव कराता है तो ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को जनरल मानकर चुनाव होगा। वहीं दूसरी तरफ एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटें यथावत बरक़रार रहेंगी, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।