बरेली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बरेली से एक सनसनीख़ेज़ मामला सामने आया है। दरअसल यहां प्लेटफार्म पर बनी की एक मज़ार को लेकर रेलवे और मुस्लिम संगठन आमने-सामने आ गए हैं। जानकारी के मुताबिक़ इज़्ज़त नगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर यह मज़ार बनी हुई है। रेलवे अधिकारियों ने जैसे ही मज़ार को हटाने के लिए नोटिस जारी किया तो मुस्लिम समाज विरोध में उतर आया।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर रेलवे स्टेशन पर बने सभी तरह के अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए हैं। इसी के तहत जिन-जिन स्टेशनों और प्लेटफार्म पर अतिक्रमण है, वहां नोटिस जारी किए गए हैं, जिससे लोग ख़ुद ही उस अतिक्रमण को हटा लें।
आपको बता दें कि बरेली मंडल के सभी स्टेशनों पर से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया है, जिसमें कई स्टेशनों पर धार्मिक अतिक्रमण भी बना हुआ है। गौरतलब है कि इस मसले को सुलझाने को लेकर मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने रेलवे अधिकारियों से मुलाक़ात की और मज़ार को ना हटाने की मांग की। जमात रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय सचिव डां. मेहंदी हसन ने दावा करते हुए कहा कि, “ यह मज़ार 1526 की है यानी 496 साल पुरानी है, हमारा हिंदुस्तान 1947 में आज़ाद हुआ, यह बात अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि यह जो मज़ार, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च, जिस जगह पर हैं, 1947 से पहले का जिनका स्टेटस है, वह वहीं रहनी चाहिए।"
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याद रहे कि अतिक्रमण हटाने को लेकर रेलवे की तरफ़ से मज़ार के पास वाले पिलर पर एक नोटिस लगाया गया था। इस पर लिखा गया था कि ये अतिक्रमण 28 तारीख़ तक हटा दिया जाएगा। आरोप है कि बुधवार की दोपहर यह नोटिस भी लोगों ने खुद ही हटा लिया।
रेलवे अधिकारियों का क्या कहना है?
इस बाबत इज़्ज़तनगर रेलवे मंडल अरुण कुमार ने बताया कि, “ रेलवे परिसर में जो भी धार्मिक स्थल या अतिक्रमण है या अन्य अतिक्रमण हैं, उनको पूरे मंडल में नोटिस दिए जा रहे हैं। इसी क्रम में इज़्ज़तनगर स्टेशन पर नोटिस चस्पा किया गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे की भूमि पर कई तरह के अतिक्रमण है, इनमें धार्मिक रूप में अतिक्रमण, कुछ व्यापारिक अतिक्रमण और कुछ आवासीय अतिक्रमण हैं, हम सभी तरह के अतिक्रमणों को चिन्हित कर रहे हैं।"
-PTC NEWS