Fri, Apr 26, 2024

आज देशभर में मनाए जा रहे विश्व हिंदी दिवस के बारे में कितना जानते हैं आप?

By  Mohd. Zuber Khan -- January 10th 2023 12:52 PM
आज देशभर में मनाए जा रहे विश्व हिंदी दिवस के बारे में कितना जानते हैं आप?

आज देशभर में मनाए जा रहे विश्व हिंदी दिवस के बारे में कितना जानते हैं आप? (Photo Credit: File)

लखनऊ/दिल्ली: अपनी भाषा के प्रति लगाव और अनुराग राष्ट्र प्रेम का ही एक रूप है। हिंदी ने सभी भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोकर हमेशा अनेकता में एकता की भावना को साबित किया है। ऐसे में 10 जनवरी का दिन देश में हिन्दी प्रेमी लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। आज ही के दिन विश्व हिन्दी दिवस होता है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए साल 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की थी।

नागपुर में हुआ था पहला विश्व हिंदी सम्मेलन

विश्व में हिन्दी का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई। पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसीलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि हिंदी दिवस, देश में मनाए जाने वाले हिंदी पखवाड़े से कितना अलग है।

ये भी पढ़ें:- सीएम योगी ने वेब सीरीज़ बनाने वालों को दी भारी छूट, सरकार ने की सब्सिडी की घोषणा

14 सितंबर को हिंदी पखवाड़ा

14 सितम्बहर,1949 को देश की संविधान सभा ने सर्वसम्मडति से हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया था। इसलिए हर साल 14 सितम्ब र को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दौरान हिंदी पखवाड़ा आयोजित किया जाता है। इस हिंदी पखवाड़ा के दौरान मंत्रालय में कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है जैसे:- हिंदी अनुवाद, हिंदी टिप्पणी/ आलेखन, हिंदी श्रुतलेखन, हिंदी कविता पाठ इत्यादि।

संविधान के अनुच्छेद 342 और 351 में हिंदी का ज़िक्र

संविधान सभा ने हम सबको यह संवैधानिक और प्रशासनिक उत्तरदायित्व सौंपा है कि हम संविधान के अनुच्छेद 343 और 351 के अनुसार राजभाषा हिंदी का अधिकतम प्रयोग करते हुए प्रचार प्रसार बढ़ाएं। अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे। इससे वह भारत ती सामाजिक-संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके। साथ ही उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किे बिना हिन्दुस्तानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और बदों को आत्मसात करे।

-PTC NEWS

  • Share

ताजा खबरें

वीडियो