उपमुख्यमंत्री ने कसा पूर्व मुख्यमंत्री पर तंज़, कहा- 'उन्हें पिछड़ों की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं'
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने यह फैसला लिया है कि जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली जाती, तब तक नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होंगे।
प्रयागराज में उप मुख्यमंत्री ने कहा, “माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का हम सम्मान करते हैं, लेकिन इस आदेश से हम सहमत नहीं हैं, इसलिए हम इस आदेश के ख़िलाफ़ उच्चतम न्यायालय में अपील करने जा रहे हैं।” मौर्य ने कहा, “अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण सुनिश्चित किए बग़ैर उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होंगे और ओबीसी का आरक्षण सुनिश्चित करने के बाद ही यह चुनाव होंगे, यही सरकार का फैसला है।”
आरक्षण के मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो पिछड़ों का हित केवल सैफई के परिवार में देखते हैं, उन्हें पिछड़ों की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है।
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हालांकि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस बड़े सियासी ज़ुबानी हमले पर अखिलेश यादव ने चुप्पी साधी हुई है, लेकिन मीडिया हलकों में सुगबुगाहट है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, मौजूद उपमुख्यमंत्री पर पलटवार ज़रूर करेंगे।
इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मद्देनज़र पांच सदस्यीय एक विशेष ओबीसी आयोग का गठन किया है। गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार की अधिसूचना के मसौदे को खारिज कर दिया था और ओबीसी को आरक्षण दिए बग़ैर स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था।